रिटायरमेंट के बाद शुरू किया मात्र एक एकड़ में यह खेती, आज हो रहा पैसों का बौछार

रिटायरमेंट के बाद शुरू किया मात्र एक एकड़ में यह खेती, आज हो रहा पैसों का बौछार, घर बैठे 5 से 6 लाख का मुनाफा

मिर्जापुर के नुआंव में रहने वाले किसान रामजी दुबे दूरदर्शन में सीनियर इंजीनियर के पद पर तैनात थे, रिटायरमेंट के बाद इन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, आज के दिनों में यह प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। सिर्फ ड्रैगन फ्रूट ही नहीं बल्कि इसके साथ-साथ इन्होंने अन्य फसलों की भी खेती की और लाखों का मुनाफा कर रहे हैं।

मिर्जापुर जिले के नुआंव गांव में रहने वाले राम जी दुबे बचपन से ही खेती में रुची रखते थे, रिटायरमेंट के बाद इन्होंने पाली हाउस तैयार किया फिर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की, राम जी ने बताया कि वह करीबन 6 साल से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, इन्होंने एक हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती की है जिससे इन्हें 5 से 6 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त हो रहा है, प्रति एकड़ 50 से 60 कुंतल तक के ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जाता है, मार्केट में हर वक्त ड्रैगन फ्रूट की डिमांड रहती है और यह काफी आसानी से बिक जाता है, व्यापारी एवं ग्राहक खेत से ही खरीद लेते हैं, वर्तमान में इसका मूल्य ₹150 से ₹200 तक का है। ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत करने के लिए कुछ निवेश करना होता है इसके बाद यह पौधा करीबन 20 साल तक फल देता है।ड्रैगन फ्रूट्स के PED

 

टॉप 10 फलों में से एक है ड्रैगन फ्रूट

ड्रैगन फ्रूट की तारीफ करते हुए रामजी दुबे बताते हैं कि यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद है, डायबिटीज बीपी, शुगर, जोड़ों में दर्द, चेहरे पर हो रही झुर्रियां, हीमोग्लोबिन की कमी, इन सभी बीमारियों से ड्रैगन फ्रूट काफी राहत देता है।

जिला उद्यान अधिकारी ने ड्रैगन फ्रूट उगाने के लिए किया प्रेरित

राम जी दुबे का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद जिला उद्यान अधिकारी ‘श्री मेवाराम जी’ ने इन्हें ड्रैगन फ्रूट के खेती के लिए प्रेरित किया, इससे पहले मिर्जापुर में केला भी नहीं उगाया जाता था लेकिन श्री मेवाराम जी के कहने पर रामजी दुबे ने केले को भी उगाना शुरू किया, न सिर्फ अपने जिले उत्तर प्रदेश में बल्कि बिहार, झारखंड, उत्तराखंड में भी इन्होंने लगभग लाख से भी ज्यादा पौधे ड्रैगन फ्रूट के बेच चुके हैं।

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