2011 वर्ल्ड कप विश्व कप फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ और आईपीएल में CSK के लिए खेलने वाला एक क्रिकेटर अब ऑस्ट्रेलिया में रहकर बस चला रहा है। यह कोई और नहीं श्रीलंकाई क्रिकेटर सूरज रणदीव है। सूरज रणदीव भारत में आयोजित 2011 2011 वर्ल्ड कप में श्रीलंकाई टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा उन्होंने धोनी की कप्तानी में CSK के लिए भी खेला। साल 2012 में CSK के लिए खेलते हुए सूरज रणदीव ने 8 मैचों में 6 विकेट झटके हुए है ।
सूरज रणदीव, जो कभी श्रीलंका के लिए क्रिकेट खेलते थे, अब बस ड्राइवर की भूमिका मे आ चुके हैं। पूर्व श्रीलंकाई स्पिनर साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया चले गए, जहाँ वे बस चलाते हैं और एक स्थानीय क्लब के लिए क्रिकेट भी खेलते हैं। इस खिलाड़ी ने श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट मैचों में 46 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने 31 वनडे मैचों में 36 विकेट और 7 टी20 मैचों में 7 विकेट भी लिए।इंडियन क्रिकेट फैंस सूरज रणदीव को उस नो-बॉल के लिए याद करते हैं जिसने सहवाग को शतक बनाने से रोका जब वह 99 रन पर थे। सूरज रणदीव ने तब ध्यान आकर्षित किया जब उन्हें जानबूझकर नो-बॉल फेंकते हुए पाया गया था । वास्तव में, उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को अपना शतक पूरा करने से रोकने के लिए कप्तान दिलशान के आदेश पर ही नो-बॉल फेंकी।
आपको बता दें कि इंडिया को जीत के लिए एक रन की आवश्यकता थी, और सहवाग 99 रन के स्कोर पर खेल रहे थे । सहवाग एक रन लेने भर से ही अपना शतक पूरा कर लेते। इस स्थिति को देखते हुए ही कप्तान दिलशान ने साजिश रची और रणदीव को जानबूझकर नो-बॉल फेंकवाई । सहवाग ने इस नो-बॉल पर जोरदार छक्का भी मारा, लेकिन अंपायरों ने नो-बॉल के कारण भारत को विजेता घोषित कर दिया, और उनके छक्के को रनों में नहीं जोड़ा गया।
सहवाग 99 रन पर नाबाद रहे। बाद मे श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने सूरज रणदीव को एक मैच के लिए ससपेंड कर दिया, जबकि कप्तान तिलकरत्ने दिलशान पर भी भारी जुर्माना लगाया गया। सूरज रणदीव के द्वारा वीरेंद्र सहवाग के साथ हुई घटना के लिए दुनिया भर में जमकर बदनाम हुई । फिलहाल वह अब ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर के रूप में काम कर रहे हैं।