ट्रेविस हेड

49 चौके, एक छक्के 140 गेंद पर नाबाद 309 रन, जो काम रोहित नहीं कर पाए वह कर के दिखा दिया ये खिलाड़ी, एक दिवसीय मे जड़ा तिहरा शतक

एक दिवसीय क्रिकेट मैचो के इतिहास में अब तक किसी भी बल्लेबाज ने तिहरा शतक नहीं लगा पाया है. वनडे मैचो में तिहरा शतक लगाना एक तरह से नामुमकिन कार्य सा लगता है.वन डे क्रिकेट के अलावा लिस्ट ए प्रथम श्रेणी मैचो में भी तिहरा शतक किसी भी बल्लेबाजों ने नहीं ठोक पाया है आपको बता दें कि वनडे क्रिकेट में 50 ओवर होने के कारण किसी बल्लेबाज को ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके ही अपना तिहरा शतक लगाने में मदद मिल सकती है. यह कार्य थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन बिल्कुल नहीं है अगर कोई बल्लेबाज शुरू से गेंदबाज पर जबरदस्त तरीके से टूट सकता है तो वह अपना तिहरा शतक बना सकता है

आज हम इस आर्टिकल में उस खिलाड़ी के बारे में चर्चा कर रहे हैं जिन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर के इतिहास में तिहरा शतक जड़ चुका है लेकिन यह अद्भुत करिश्मा ब्लाइंड क्रिकेट में ही संभव हो पाया है तारीख 14 जून 2022 को ऑस्ट्रेलिया के ब्लाइंड क्रिकेटर स्टीफन नीरो ने न्यूजीलैंड के विरूद्ध शानदार खेल दिखाते हुएतिहरा शतक जड़ चुके हैं. ब्रिसबेन के मैदान में 140 गेंद पर नाबाद 309 रन बनाने में 49 चौके और एक छक्के की सहायता से यह मेराथन पारी खेली थी. वैसे तो यह रिकॉर्ड ब्लाइंड क्रिकेट में बना लेकिन यह अपने आप में एक अद्भुत रिकॉर्ड है

ट्रेविस हेड
ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी स्टीफन नीरो के मदद से पूरी टीम ने दो विकेट गवाकर 541 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया.पहाड़ जैसे स्कोर का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड के टीम मात्र 272 रनों पर ही सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया की टीम नीरो की पारी के बदौलत 279 रन से यह मैच जीत लिया. इस ऐतिहासिक मैच में नीरो ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तिहरा शतक लगाया था उन्होंने इससे पहले पाकिस्तान के मसूद जान का 262 रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. यह रिकॉर्ड मसूद जान ने साल 1998 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए 262 रनों का पारी खेला था

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ब्लाइंड क्रिकेट 40-40 ओवरो का खेला जाता रहा है सबसे पहले साल 1922 में अंतरराष्ट्रीय ब्लाइंड क्रिकेट का आयोजन किया गया था. तब से ही वनडे क्रिकेट के अलावा ब्लाइंड क्रिकेट में T20 वर्ल्ड कप मैच और वनडे वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजन भी किए जाते रहे हैं.किसी भी बल्लेबाज के द्वारा तिहरा लगाना उसके धैर्य और कठिन परिश्रम का ही परिणाम दर्शाता हैं स्टीफन नीरो की मात्र 10 साल की अवस्था से ही उनकी नजर कमजोर होने लगी थी इस कारण से उन्होंने ब्लाइंड क्रिकेट को ही अपना करियर के तौर पर चुनावकिया वह अपनी अथक परिश्रम से कैरियर को एक मुकाम तक ले गए आज वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले एक मात्र बल्लेबाज के रूप में उभरे हैं.

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